दस्तान-ए-निस्बत
कभी कभी ये कायनात यूँ कुछ अनूठी-सी लगती है
कि मानो वो कोई अजनबी शक्स यार हो जाता है
कुछ ऐसी ही है हमारे याराना की वो हसीन दस्तान
जो मीलों दूर रहकर भी एक ऐतबार-सा जगा जाता है।
यूँ तो लोग कहते हैं कि खुबियों से होती मोहब्बत सदा
लेकिन ऐ दोस्त, तेरी तो खामीयों ने भी इस दिल को लूटा।
किन लफ़्ज़ो में तेरी हर वो अदा बयान करूँ
जिन्होनें मेरे इस क़ल्ब के हर किश्त में पनाह लिया
किन अल्फ़ज़ो में तेरे उन मासूम शरारतों का ज़िक्र करूँ
जिन्होनें ना सिर्फ़ हँसाया, बल्कि एक अनोखे अपनेपन का एहसास
भी जताया।
शायद तेरा मिलना है उस रब का इशारा
कि ज़िदगी की हर कसौटी का एक तू ही सहारा।
वो बचकानी नोक-झोक और तेरा मनाना
फ़िर "मूर्ख हो तुम" कहकर तेरा मुझे हँसाना
वो अफ़्रिकी सिन्धुओं की चर्चा होती बड़ी निराली
"तुम्हें अफ़्रिका छोड़ आएँगे हम" कहकर, तुने तो
हद्द ही कर दाली।
यक़िन नहीं होता कि समय गया यूँ इस कदर बीत
कि दो नावाकिफ़ बन गए इतने पक्के मीत।
यूँ तो न कभी मिलें, न कोइ निस्बत है हमारा
फ़िर भी न जाने क्यूँ लगता है कि हमारा साथ है काफ़ी पुराना
ये साथ हमेशा रहे अटूट, यही है इस "ज़फीरा" की
इल्तिजा
इसी तरह नई उचाँइयों को पार करता रहे ये याराना हमारा।
एक रोज़ शायद ये ज़िदगी ऐसे मुकाम पर पहुँच जाएगी
कि खु़दा-न-ख़ास्ता ये दोस्ती कहीं सिर्फ़ यादों में तो न
रह जाएगी?
फ़िर भी न हम तुमसे, न इस हयात से कोइ शिकवा करेंगे
ऐ यार, तुम तो सदा हमारे मेहताब, और हम तुम्हारे जियाले
रहेंगे।
-ज़फीरा
Kya hi bolu tumhe dosti ne tughe galib bnaa dia
ReplyDeleteThank you ;)
Deletewonderfully made video and audio for your best friend!!!
ReplyDeleteI am astounded with this presentation for ur bff...
people will die to have bffs like you, shail!!!
lots of love!
Thanks a million dear!!!!
DeleteWow this is like a professional poem keep the good work 👍👌
ReplyDeleteThank you so much! Means a lot :)
DeleteBeautifully written!!!❤️❤️
ReplyDeleteThanks alot Harsh!
Delete(Do we know each other?XD
Would love to know about you, ping me at shailajajha003@gmail.com)
Really amazing! Great work
ReplyDeleteThank you 😍
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